इन दिनों सोशल मीडिया पर इन दिनों ₹5000 के नए नोट को लेकर चर्चाएं जोरों पर हैं। फेसबुक, व्हाट्सऐप जैसे प्लेटफॉर्म पर लोग दावा कर रहे हैं कि जल्द ही भारतीय रिजर्व बैंक ₹5000 के नोट जारी करने जा रहा है। कुछ लोग तो इन नोटों की तस्वीरें भी शेयर कर रहे हैं। लेकिन सवाल ये है कि क्या ये खबर वाकई सही है? क्या आरबीआई सच में 5000 रुपए का नया नोट लाने जा रहा है? चलिए जानते हैं, पूरी सच्चाई आरबीआई ने खुद क्या कहा है और असलियत क्या है।
क्या वायरल हो रही है खबर?
सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि बहुत जल्द भारत में ₹5000 का नया नोट आने वाला है। कई पोस्ट्स में कहा गया है कि इससे लेन-देन आसान होगा और लोगों को बड़ी रकम ले जाने में सुविधा होगी। हालांकि कुछ यूज़र्स का ये भी मानना है कि ऐसा कदम महंगाई को बढ़ावा देगा और छोटे कारोबारियों के लिए परेशानी का कारण बन सकता है।
5000 के नोट की सच्चाई क्या है?
इन सभी दावों को देखते हुए जब तथ्य सामने रखे गए, तो पता चला कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने ₹5000 के किसी नए नोट को लेकर कोई भी आधिकारिक घोषणा नहीं की है। न ही आरबीआई की वेबसाइट और न ही उनके किसी भी सोशल मीडिया चैनल पर इस तरह के नोट को जारी करने की कोई सूचना मौजूद है। जब भी कोई नई करेंसी जारी होती है, आरबीआई उसकी सार्वजनिक सूचना जरूर देता है। जैसे डिज़ाइन, सिक्योरिटी फीचर्स और सीरियल नंबर से जुड़ी जानकारी।
भारत में अब तक का सबसे बड़ा नोट कौन-सा है?
भारत में अब तक का सबसे बड़ा मूल्यवर्ग का नोट ₹2000 था, जिसे 2016 में नोटबंदी के बाद जारी किया गया था। लेकिन सरकार और आरबीआई ने इसे धीरे-धीरे प्रचलन से बाहर कर दिया और 2030 तक इसे पूरी तरह बंद कर दिया गया। फिलहाल सबसे बड़ा चलन में रहने वाला नोट ₹500 का है।
क्या पहले कभी ₹5000 का नोट जारी हुआ था?
इतिहास की बात करें तो 1954 में ₹5000 और ₹10,000 के नोट आरबीआई ने जारी किए थे, लेकिन 1978 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई की सरकार ने इन बड़े नोटों को बंद कर दिया था। तब से अब तक भारत में इतने बड़े मूल्यवर्ग का नोट दोबारा नहीं लाया गया।
नया नोट जारी करने की प्रक्रिया कैसी होती है?
नए नोट जारी करना कोई आसान या अचानक लिया गया फैसला नहीं होता। इसमें कई चरण होते हैं:
आरबीआई पहले मूल्यवर्ग की आवश्यकता का आकलन करता है।
फिर केंद्र सरकार से अनुमति ली जाती है।
उसके बाद नोट का डिज़ाइन तैयार होता है जिसमें सिक्योरिटी फीचर्स जोड़े जाते हैं।
मंजूरी मिलने पर नोट छापे जाते हैं और फिर बैंकों के माध्यम से जनता तक पहुंचते हैं।
आरबीआई उसकी आधिकारिक जानकारी प्रेस रिलीज़ और वेबसाइट के ज़रिए देता है।
अब तक ₹5000 के किसी नोट की प्रक्रिया शुरू भी नहीं हुई है।
डिस्क्लेमर: यह जानकारी केवल जनहित में दी गई है। कोई भी आर्थिक या निवेश से जुड़ा निर्णय लेने से पहले संबंधित विभाग या आधिकारिक पोर्टल की पुष्टि अवश्य करें।