Bank Licence Close : RBI का बड़ा ऐलान इन बैंकों का लाइसेंस किया रद्द, ग्राहकों के जमा पैसों का क्या होगा?

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Bank Licence Close : अगर आप जिस बैंक में अपना वर्षों मेहनत की कमाई राखी हो और यदि उसका लाइसेंस अचानक रद्द कर दिया जाए तो क्या होगा? और कुछ ऐसा ही अभी फिलहाल सोशल मीडिया पर ख़बरें आ रही है जिसमें कई बैंकों का आरबीआई लाइसेंस रद्द किया है। अगर आपको भी इन बैंकों में खाता है तो आपको जान लेना यह खबर बेहद जरूरी होगा नहीं तो आपको भी भारी घाटा हो सकता है।

बैंक से जुड़ी आज का हिंदी खबरें?

आपको बता दें कि बैंक सिर्फ इमारत ही नहीं वह भरोसा का दूसरा नाम होता है। जहां पर लोग अपने मेहनत की कमाई का पैसा जमा करते हैं तो हमें लगता है कि वह सुरक्षित है। लेकिन जब किसी बैंक का लाइसेंस प्राप्त किया जाता है तो सबसे पहले उसे भरोसे पर भारी चोट पड़ती है।

क्यों रद्द होता है बैंक का लाइसेंस?

भारतीय रिजर्व बैंक बैंकों का लाइसेंस देता है लेकिन ए लाइसेंस अस्थाई नहीं होता है। इसका भी कुछ शर्त होती है जो बैंकों का पूरी तरह पालन करना होता है। ग्राहकों का पैसा सुरक्षित रखने में नाकाम रहता है, लगातार घाटे में जा रहा हूं, गलत तरीके से लोन बांट रहा हो और गवर्नर यानी प्रबंधन में गड़बड़ी हो तो ऐसी स्थिति में आरबीआई को मजबूरन में उसे बैंक का लाइसेंस रद्द करना पड़ता है। और यह कदम अचानक नहीं पहले चेतावनी दी जाती है। लेकिन जब हालात में कोई सुधार नहीं होती है तो यही एक मात्र रास्ता बचता है।

इसका असर किन पर होता है?

बैंक का लाइसेंस रात होने से सबसे ज्यादा असर आम आदमी पर होता है। जो लोग दिन रात मेहनत की कमाई करके कुछ पैसे बचते हैं और भरोसे के साथ बैंक में रखते हैं। छोटे व्यापारी, पेंशनधारी, किसान और बुजुर्ग ऐसे बैंकों पर निर्भर होते हैं। लाइसेंस राधा होने के बाद बैंक पर तारे लग जाते हैं ग्राहक पैसे नहीं निकाल पाते हैं। जबकि सरकार और आरबीआई कुछ हद तक सुरक्षा देने की कोशिश करता है। फिक्स्ड डिपॉजिट इंश्योरेंस के जरिए 5 लख रुपए तक की राशि सुरक्षित रहती है लेकिन यह सभी के लिए काफी नहीं होता है।

यह सिर्फ एक बैंक की बात नहीं

जब किसी भी बैंक का लाइसेंस जैसे स्टेट बैंक इंडिया, पंजाब नेशनल बैंक, बैंक ऑफ़ बरोदा और एचडीएफसी जैसे बाकी बैंकों और देश की अर्थव्यवस्था के लिए एक चेतावनी बन जाता है। यह बताता है कि वित्तीय व्यवस्था में प्रदर्शित और जिम्मेदारी कितनी ज्यादा महत्वपूर्ण होती है।

आगे का रास्ता क्या है?

इससे बचने और आगे की रास्ता निम्न प्रकार है:-

बैंक के लिए – नियमों का पालन करना, पारदर्शी कामकाज और ईमानदारी से लोन देना जरूरी है।

सरकार के लिए – निगरानी मजबूत करनी होगी ताकि समय रहते खतरे को पहचाना जा सके।

हम सबके लिए – हमें भी बैंक चुनते वक्त सतर्क रहना चाहिए। सिर्फ ऊंचे ब्याज के लालच में न फंसें। बैंक का इतिहास, उसकी साख और नियमों का पालन देखना भी जरूरी है।

डिस्क्लेमर: यह जानकारी सामान्य जागरूकता के उद्देश्य से दी गई है। इसमें दी गई बातें आधिकारिक नहीं हैं और इनका स्रोत सार्वजनिक रिपोर्ट्स और विश्लेषण हैं। किसी भी निर्णय से पहले संबंधित बैंक या आरबीआई की आधिकारिक जानकारी ज़रूर जांचें।

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