बिहार में आए दिन जमीन रजिस्ट्री को लेकर विवाद होते रहते हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए बिहार के मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार द्वारा कई अहम फैसले लिए गए हैं। वर्ष 2025 में जमीन रजिस्ट्री से जुड़ी कई महत्वपूर्ण घोषणाएं सरकार द्वारा की गई हैं। इन फैसलों से जमीन मालिकों और खरीदारों दोनों को राहत मिलने की उम्मीद है।
सरकार ने निर्देश दिया है कि अब सभी रैयतों (जमीन मालिकों) को अपना जमाबंदी रिकॉर्ड आधार और मोबाइल नंबर से लिंक कराना अनिवार्य होगा। भूमि सुधार विभाग की ओर से स्पष्ट कहा गया है कि यदि कोई रैयत ऐसा नहीं करता है, तो भविष्य में उसे कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। इस लेख में हम आपको इससे जुड़ी सभी आवश्यक जानकारी विस्तार से देंगे।
बिहार जमीन रजिस्ट्री आधार लिंकिंग से जुड़ी खबरें
यदि आप यह जानना चाहते हैं कि आखिर जमीन रजिस्ट्री को आधार और मोबाइल से लिंक करना क्यों जरूरी है, तो आपको बता दें कि राज्य सरकार की यह पहल पारदर्शिता और भ्रष्टाचार नियंत्रण की दिशा में एक बड़ा कदम है।
सरकार चाहती है कि अब हर रैयत के मोबाइल नंबर और आधार को जमाबंदी रिकॉर्ड से जोड़ा जाए, ताकि भविष्य में कोई विवाद या फर्जीवाड़ा न हो और सभी प्रक्रियाएं पारदर्शी तरीके से हों। यह न केवल जमीन विवादों को कम करेगा, बल्कि डिजिटल अपडेट और सूचना प्राप्ति में भी सहायक होगा।
राजस्व विभाग का निर्देश क्या है?
राजस्व विभाग की ओर से स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि सभी जमीन मालिकों को अपने आधार और मोबाइल नंबर को संबंधित रिकॉर्ड से लिंक कराना होगा। इससे जमीन से जुड़ी कोई भी ऑनलाइन प्रक्रिया जैसे दाखिल-खारिज, भू-लगान, कोर्ट केस की जानकारी आदि रैयत को सीधे SMS के माध्यम से मिल सकेगी।
इस सुविधा का लाभ लेने के लिए रैयत को संबंधित कर्मचारी से संपर्क करके अपने भू-लगान रसीद, आधार कार्ड और मोबाइल नंबर के साथ जानकारी अपडेट करानी होगी।
आधार और मोबाइल नंबर जोड़ने से क्या फायदे होंगे?
आधार और मोबाइल नंबर को जमाबंदी से लिंक कराने से कई फायदे होंगे:-
कोई भी बदलाव होने पर SMS से तुरंत जानकारी मिल जाएगी।
भविष्य में सरकारी योजनाओं और लाभों की जानकारी सीधे मोबाइल पर मिलेगी।
पारदर्शिता बढ़ेगी और दलालों की भूमिका कम होगी।
फर्जीवाड़े और विवादों पर रोक लगेगी।
लिंकिंग के लिए क्या करना होगा?
अगर आपने अभी तक अपना आधार और मोबाइल नंबर जमाबंदी से लिंक नहीं किया है, तो निकटतम राजस्व कर्मचारी या CSC केंद्र से संपर्क करें। अपने साथ नीचे दिए गए दस्तावेज लेकर जाएं:
भू-लगान रसीद
आधार कार्ड (स्वयं का)
चालू मोबाइल नंबर
वहां से आप अपने विवरण को अपडेट करा सकते हैं और SMS अलर्ट की सुविधा प्राप्त कर सकते हैं।
निष्कर्ष
बिहार सरकार द्वारा भूमि व्यवस्था को पारदर्शी और डिजिटल बनाने की दिशा में यह एक सराहनीय कदम है। आधार और मोबाइल नंबर को जमाबंदी रिकॉर्ड से जोड़ने से न केवल सरकारी प्रक्रिया आसान होगी, बल्कि रैयतों को भी जमीन से संबंधित जानकारी और सेवा समय पर और सीधे प्राप्त हो सकेगी। अगर आप अब तक यह काम नहीं कर पाए हैं, तो जल्द से जल्द इसे करवा लें, ताकि भविष्य में किसी भी तरह की परेशानी से बचा जा सके।
डिस्क्लेमर : यह लेख विभिन्न सरकारी समाचार स्रोतों, मीडिया रिपोर्ट्स और भूमि सुधार विभाग के निर्देशों के आधार पर तैयार किया गया है। किसी भी प्रकार की प्रक्रिया शुरू करने से पहले संबंधित राजस्व अधिकारी या आधिकारिक वेबसाइट से पुष्टि अवश्य करें।